एक आदमी की शादी को 20 साल हो गए थे। उसने कभी पत्नी के हाथ के बने खाने की तारीफ नहीं की। निर्मल बाबा ने उसे सलाह दी पत्नी के खाने की तारीफ करो, कृपा होगी। बाबा की सलाह असर कर गई। घर आते ही उसने खाना खा कर पराठों की जम कर तारीफ की। पत्नी ने बेलन उठाया और उसको जी भर कर पीटने के बाद बोली, '20 साल में कभी मेरे हाथ के बने खाने की तारीफ नहीं की, और आज पड़ोसन ने पराठे भेज दिए तो तुम्हें जिंदगी का मजा आ गया।' हो गई बाबा की कृपा।
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