Thursday, December 25, 2014

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एक कंजूस मृत्यु शैया पर पड़ा था। कंजूस: अरे भागवान, कहां हो तुम? बीवी: जी मैं यहीं हूं। कंजूस: बेटा-बहू कहां हैं? बेटा: जी हम भी यहीं हैं। कंजूस: और बेटी? बेटी (भरे हुए गले से): जी पापा, मैं भी यहीं हूं, आपके पास। आपको कुछ नहीं होगा। कंजूस (झल्लाते हुए): अरे, वह सब छोड़ो। जब तुम सब यहीं हो तो बाहर वाले कमरे का पंखा क्यों चल रहा है?

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